
Saket Court Firing
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साकेत कोर्ट परिसर में महिला को गोली मारने वाला आरोपी निलंबित वकील कामेश्वर कुमार सिंह उर्फ मनोज पैसे नहीं मिलने के कारण बहुत परेशान था। उसने तीन दिन पहले महिला एम. राधा को धमकी दी थी कि वह गोली मारकर उसकी हत्या कर देगा, लेकिन महिला ने धमकी को गंभीरता से नहीं लिया था।
इधर महिला भी उसे धमका रही थी, वह वकील को उठवाने की धमकी दे रही थी। इस बात से मनोज बहुत ज्यादा डर गया था और उसने अपनी सुरक्षा के लिए हथियारबंद गार्ड अजय को रख लिया था। उसने अजय की लाइसेंसी रिवाॅल्वर से महिला पर गोलियां चलाई थीं। ये खुलासा दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की गिरफ्त में आए आरोपी मनोज ने किया है।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, जांच में ये बात सामने आई है कि आरोपी मनोज की एक वकील दोस्त के जरिये वसंत कुंज में रहने वाली महिला एम. राधा से मुलाकात हुई थी। महिला भी लोन देने का काम करती है। महिला ने मनोज को झांसा दिया था कि वह उसकी रकम को कुछ महीनों में दोगुना करा देगी। उसने झांसा देकर मनोज से 25 लाख रुपये ले लिए।
महिला ने मनोज को एक भी किस्त नहीं दी और पैसे भी नहीं लौटा रही थी। मनोज ने महिला के खिलाफ साकेत थाने में जालसाजी का मामला दर्ज कराया था। साकेत पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर लिया था। हाईकोर्ट ने पैसे लौटाने की शर्त पर उसे तीन महीने पहले ही जमानत दी थी। महिला को हर सप्ताह साकेत कोर्ट में हाजिरी लगाने के लिए कहा गया था। इसके बाद महिला ने मनोज को पांच लाख रुपये का चेक किया। चेक बाउंस हो गया, तो मनोज ने साकेत कोर्ट में केस डाल दिया। इसी मामले की सुनवाई के लिए महिला शुक्रवार को कोर्ट आई थी। यहां पर मनोज ने उससे पैसे मांगे, लेकिन महिला ने पैसे देने से मना कर दिया और मनोज को धमकाने लगी।
मैक्स से छुट्टी मिलने के बाद राधा ट्राॅमा सेंटर पहुंची
घायल महिला राधा को उपचार के बाद मैक्स अस्पताल से शाम को छुट्टी दे दी गई। उसकी हालत खतरे से बाहर है। दक्षिण जिला पुलिस उपायुक्त चंदन चौधरी ने बताया कि निजी अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद पीड़ित महिला एम्स के ट्राॅमा सेंटर पहुंची। वहां उसके फिर से ेस्ट किए जा रहे हैं।
जान को खतरा बताकर अजय से ली थी रिवाॅल्वर
महिला राधा से अपनी जान को खतरा देखकर मनोज ने 15 दिन पहले गार्ड अजय को अपनी सुरक्षा में रखा था मगर उसने महिला की हत्या की साजिश कई दिन पहले रच ली थी। वह अजय के साथ शुक्रवार सुबह करीब 10 बजे कोर्ट में गया। लॉयर ब्लाक के पास उसे महिला मिल गई। उसने पैसे मांगे। जब महिला ने उसे मना कर दिया तो आरोपी ने अजय से यह कहकर उसकी सर्विस रिवाॅल्वर ले ली कि उसे ज्यादा खतरा है और रिवाॅल्वर वह रखेगा। अजय को रिवाॅल्वर लेकर महिला को गोली मारने का बिल्कुल एहसास नहीं हुआ। जैसे ही अजय ने उसे रिवॉल्वर दी, तो मनोज ने महिला के ऊपर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी।
अपराध शाखा की टीम ने आरोपी को फरीदाबाद से ऐसे पकड़ा
आरोपी मनोज रिवाॅल्वर लहराते हुए कोर्ट से फरार हुआ था। वह अपनी स्कूटी लेकर भागा। अपराध शाखा के विशेष पुलिस आयुक्त रविंद्र सिंह यादव ने आरोपी मनोज को पकड़ने के लिए एसीपी उमेश बड़थ्वाल के नेतृत्व में इंस्पेक्टर राकेश शर्मा, एसआई अमित ग्रेवाल, एसआई अनुज, एएसआई अशोक दहिया, नरेंद्र तोमर व अन्य की टीम गठित की गई। इंस्पेक्टर राकेश शर्मा ने सीसीटीवी फुटेज से आरोपी की पहचान छतरपुर निवासी कामेश्वर उर्फ मनोज के रूप में की। पुलिस को फुटेज से उसकी स्कूटी का नंबर मिल गया। इससे पुलिस को आरोपी की लोकेशन फरीदाबाद के इस्मेलपुर की सूर्या नगर में मिली। एएसआई अशोक दहिया की टीम ने फुर्ती दिखाते हुए आरोपी को एक घर से दबोच लिया।
पुलिस आयुक्त ने की टीम की सराहना
दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने आरोपी मनोज को पकड़ने वाले एसीपी उमेश बड़थ्वाल व इंस्पेक्टर राकेश शर्मा की टीम की त्वरित कार्रवाई की सराहना की। आरोपी फोन बंद कर दूरदराज के इलाकों में भागने की फिराक में था।
कानून व्यवस्था नहीं संभल रही, तो इस्तीफा दे दें एलजी : केजरीवाल
साकेत कोर्ट परिसर में फायरिंग के बाद आम आदमी पार्टी ने नए सिरे से उपराज्यपाल वीके सक्सेना पर निशाना साधा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत दिल्ली सरकार के मंत्रियों व आप नेताओं का कहना है कि उपराज्यपाल दिल्ली की कानून व्यवस्था ठीक करने में नाकाम रहे हैं। इसकी जगह वह सांविधानिक पद पर बैठकर हर दिन राजनीति करते दिखते हैं। उपराज्यपाल के अधीन दिल्ली पुलिस में 350 करोड़ रुपये का घोटाला हो जाता है, कोर्ट परिसर में फायरिंग हो जाती है और पॉश काॅलोनियों में चेन और मोबाइल स्नैचिंग हो रही है, इसको ठीक करने की जगह वह दिनभर आप सरकार के कामों को रोकने में व्यस्त रहते हैं।
दिल्ली की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चिंता जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि अगर कानून व्यवस्था नहीं संभल रही है, तो उपराज्यपाल को इस्तीफा दे देना चाहिए। दिल्ली के लोगों की सुरक्षा राम-भरोसे नहीं छोड़ी जा सकती। दूसरों के कामों में अड़चन डालने और हर बात पर गंदी राजनीति करने की बजाय सबको अपने-अपने काम पर ध्यान देना चाहिए।
