अहिल्या बाई होल्कर की 300वीं जयंती वर्ष के अवसर पर प्रबुद्धजन संगोष्ठी का हुआ आयोजन
धौलपुर। यह भारत भूमि वीर प्रसूता है। यहां हर युग, हर काल में ऐसे-ऐसे वीर-वीरांगनाओं ने जन्म लिया, जिनके व्यक्तित्व एवं कर्तव्य के आगे सारा संसार सिर झुकाता है। इन वीर-वीरांगनाओं ने समय के शिलालेख पर अमिट अक्षरों में कर्म एवं पुरुषार्थ की उज्ज्वल कहानियां लिखीं। किसी ने युद्ध के मैदान में अपनी तेजस्विता की चमक बिखेरीं तो किसी ने मानव-मात्र के कल्याण के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। धर्म की इस महान एवं सनातन भूमि पर प्रेरणा के ऐसे प्रकाश-पुंजों की कमी नहीं रही। ऐसी ही एक तेजस्विनी व महिमामयी नारी थीं महारानी अहिल्याबाई होल्कर। यह कहना है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के भरतपुर विभाग प्रचारक उत्कर्ष का। उत्कर्ष स्थानीय प्रधान कॉम्प्लेक्स में लोकमाता देवी अहिल्या बाई होल्कर की 300वीं जयंती वर्ष के अवसर पर आयोजित प्रबुद्धजन संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रुप मे बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि लोकमाता होल्कर ने भारतीय संस्कृति के कीर्ति-ध्वजा को तो दशों-दिशाओं में फहराया ही, हिंदू परंपराओं एवं मान्यताओं के अनुकूल आदर्श शासन एवं राज-व्यवस्था की भी स्थापना की। उनका जीवन और शासन लोक-कल्याण को समर्पित था। जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ.विजय सिंह ने कहा कि समाज एवं राष्ट्र के लिए जब आवश्यकता पड़ी उन्होंने खड्ग भी धारण किया तो धर्म का कीर्ति-ध्वज फहराए रखने के लिए अनेकानेक अभिनव, असाधारण एवं ऐतिहासिक पहल व प्रयत्न किए। अहिल्याबाई होल्कर ने कई धार्मिक कार्य किए।
उन्होंने औरंगजेब द्वारा तोड़े हुए मंदिरों का दोबारा निर्माण करवाया। गंगाबाई बगीची के महंत हनुमानदास ने बताया कि उन्होंने पूरे भारत में श्रीनगर, हरिद्वार, केदारनाथ, बदरीनाथ, प्रयाग, वाराणसी, नैमिषारण्य, पुरी, रामेश्वरम, सोमनाथ, महाबलेश्वर, पुणे, इंदौर, उडुपी, गोकर्ण, काठमांडू आदि में बहुत से मंदिर बनवाए साथ ही अहिल्याबाई ने अपने राज्य की सीमाओं के बाहर भारत-भर के प्रसिद्ध तीर्थों और स्थानों में घाट बनवाएं, कुओं और बावड़ियों का निर्माण कराया, मार्ग बनवाए, भूखों के लिए अन्न क्षेत्र खोले, प्यासों के लिए प्याऊ बनवाई। उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई होलकर को एक बुद्धिमान, तेज सोच की शासक के तौर पर याद किया जाता है। हर दिन वह अपनी प्रजा से बात करती थीं। उनकी समस्याएं सुनती थीं। रानी अहिल्याबाई ने ऐसे कई काम किए कि लोग अब भी उनका नाम लेते हैं।
कार्यक्रम में पूर्व राज्यमंत्री जगमोहन बघेल, पूर्व जिलाप्रमुख धर्मपाल सिंह, जिलाध्यक्ष सतेंद्र पाराशर, पूर्व प्रधान मीनाक्षी शर्मा, पूर्व जिला उपाध्यक्ष नागवेंद्र सिंह चौहान, पूर्व जिलाध्यक्ष श्रवण वर्मा, हरिनिवास प्रधान, पंचायत समिति सदस्य दीप सिंह कुशवाह, महिला मोर्चा जिला उपाध्यक्ष रानू त्यागी, प्रधान दुष्यंत बघेल, यदुवीर सिंह गुर्जर, पूर्व जिलाध्यक्ष बांकेलाल लोधा, जिला उपाध्यक्ष धीरसिंह जादौन, अविनाश शर्मा, विजय त्यागी, शशि त्यागी, प्रदीप सिसोदिया, हेमसिंह लोधा, विनय परमार, मोहनप्रकाश, बिजेंद्र लोधा, बृजेश बघेल, सुरेश बघेल, हरिप्रसाद बघेल, जवाहर बघेल, लटूरी बघेल, शिवा गुर्जर, गिर्राज गुर्जर, रूपेश बघेला, शिवशंकर परिहार, अनिल लोधा, जगमोहन बघेल, दीपक बघेल उपस्थित रहे। कार्यक्रम के संयोजक बाचाराम बघेल रहे।