कुणाल की डांट के कारण अभिनेत्री देवोलीना के सभी कार्यक्रम रद्द
बेबी चक्रवर्ती: कोलकाता:- अंत में अभिषेक को कुणाल घोष से हार माननी पड़ी। तृणमूल नेता कुणाल घोष ने आरजी टैक्स मामले में राज्य सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरने वाले कलाकारों का बहिष्कार करने का संदेश दिया। वहीं अभिषेक बनर्जी ने कहा कि हर किसी को विरोध करने का अधिकार है। इसलिए किसी भी कलाकार का प्रदर्शन रद्द नहीं किया जाना चाहिए। लेकिन हकीकत में कुणाल घोष जीत गये।
ओआरजी कर आंदोलन को गुरुवार को पांच महीने पूरे हो गए। कलाकार देबलीना श्यामबाजार में हर कार्यक्रम में मौजूद रहती थीं। उन्होंने कहा कि इस शीतकाल में आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में कलाकारों को आमंत्रित किया जाता है। लेकिन इस साल देवोलीना के सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं। गौरतलब है कि आरजी टैक्स घोटाले के बाद देवोलीना को कई तरह के विरोध प्रदर्शनों में देखा गया है। यहां तक कि जब वह किसी कार्यक्रम में जाती हैं तो देवोलीना के कपड़ों पर ‘वी वांट जस्टिस’ का बैज लगा होता है।
देवलीना ने कहा कि वे कलाकारों की स्वतंत्रता में विश्वास नहीं रखते। सभी को चुपचाप उनका समर्थन करना होगा – जो लोकतंत्र के लिए बहुत खतरनाक है। उन्होंने कहा, “वे हमें चावल से मारने की कोशिश कर रहे हैं। मैं भी उस सूची में हूं। पश्चिम बंगाल की कलात्मक पहचान का गला घोंटा जा रहा है।” उन्होंने कहा कि इस सत्र में पूरे बंगाल में उनके द्वारा भाग लेने वाले सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि उनके पास इस बात के सबूत हैं कि किस तरह कलाकारों पर शो रद्द करने का दबाव डाला जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसके बाद आयोजकों ने उन्हें संदेश में लिखा, ‘‘दीदी, राजनीतिक कारणों से मैं आपको नहीं ला सकता।’’ “कृपया मुझे माफ़ कर दीजिए।” तो नागरिकों का सवाल है कि क्या अभिषेक बनर्जी का वादा सिर्फ़ शब्द मात्र है? क्या अभिषेक को कुणाल के सामने हार माननी पड़ी?