दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को कृत्रिम वर्षा कराने की अनुमति देने की मांग को लेकर चौथी बार चिट्ठी लिखी
दिल्लीवालों को प्रदूषण से तत्काल राहत दिलाने के लिए कृत्रिम वर्षा कराना चाहती है “आप” सरकार, केंद्र सरकार से मांगी अनुमति
– दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को कृत्रिम वर्षा कराने की अनुमति देने की मांग को लेकर चौथी बार चिट्ठी लिखी
– केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से अनुरोध है कि बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए संबंधित विभागों के साथ इमरजेंसी मीटिंग जल्द बुलाएँ- गोपाल राय
– प्रदूषण कम करने के लिए आपातकालीन उपाय के रूप में दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराने की आवश्यकता है – गोपाल राय
– पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराने के लिए प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप करने की मांग की
नई दिल्ली, 19 नवंबर 2024
दिल्ली की जनता को वायु प्रदूषण से तत्काल राहत दिलाने के लिए आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली के अंदर कृत्रिम वर्षा कराना चाहती है। सरकार ने कृत्रिम वर्षा कराने के लिए केंद्र सरकार से अनुमति मांगी है। इस बाबत दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को चिट्ठी लिखी है। गोपाल राय ने चौथी बार कृत्रिम वर्षा कराने के लिए यह चिट्ठी लिखी है। गोपाल राय ने कहा कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान हो या फिर बिहार ही क्यों न हो, आज पूरा उत्तर भारत प्रदूषण की मार झेल रहा है और आसमान पर स्मॉग की एक चादर फैली हुई है। वातावरण में मौजूद प्रदूषित कण बुजुर्गों और बच्चों की सांसों पर भारी पड़ रहा है और उनके जीवन पर निगेटिव प्रभाव डाल रहा है। दिल्ली एनसीआर में ग्रेप 4 की पाबंदियों लागू कर दी गई हैं। हम लगातार दिल्ली में प्रदूषण को कम करने की कोशिश कर रहे हैं।
गोपाल राय ने कहा कि एक्सपर्ट से चर्चा के बाद यह बात सामने आई है कि अब वह समय आ गया है कि यदि हमें इस स्माग की चाटर को तोड़ना है तो हमें कृत्रिम वर्षा करवानी पड़ेगी। इसलिए फिर आज फिर से केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव जी को पत्र लिखा हूँ कि वह तुरंत दिल्ली सरकार और आई.आई.टी. कानपुर के एक्सपर्ट्स जिन्होंने कृत्रिम वर्षा के संबंध में रिसर्च किया है, की एक मीटिंग बुलाएं। साथ ही संबंधित विभागों जिनसे परमिशन की जरूरत पड़ेगी जैसे डीजीसीए, एमएचए, डिफेंस और जो भी संबंधित विभाग हैं उनकी एक संयुक्त मीटिंग बुलाकर, कृत्रिम वर्षा के संबंध में त्वरित निर्णय लें।
गोपाल राय ने बताया कि पिछले साल जब इमरजेसी परिस्थितियों में आई.आई.टी. कानपुर के वैज्ञानिक के साथ मीटिंग के दौरान उन्होंने बताया था कि कृत्रिम वर्षा के लिए कई विभागों के परमिशन की जरूरत होती है। पिछले साल समय कम था इसलिए मैंने इस साल पहले ही केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री को पत्र लिखकर इसके लिए पहले से तैयारी करने के लिए मीटिंग का अनुरोध किया था केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री जी को मैंने पहले चिट्ठी 30 अगस्त 2024 को भेजी थी कि संबंधित विभागों के साथ मीटिंग करके कृत्रिम वर्षा हेतु पहले से तैयारी की जाए लेकिन माननीय पर्यावरण मंत्री जी ने कोई मीटिंग नहीं बुलाई। इसके बाद मैंने 10 अक्टूबर और 23 अक्टूबर पत्र लिखा लेकिन कोई मीटिंग नहीं बुलाई गई। केन्द्रीय कृषि मंत्री और केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री के साथ अक्टूबर में आन लाईन मीटिंग के दौरान मैंने अनुरोध किया था कि क्लाउड सिडिंग की तैयारी के लिए एक मीटिंग बुला लें लेकिन आज तक इस बाबत कोई मीटिंग नहीं बुलाई गई।
गोपाल राय ने कहा कि आज पूरे उत्तर भारत और दिल्ली की स्थिति प्रदूषण की नजर से बहुत ही चिंताजनक हो चुकी है। मैंने कई एक्सपर्ट से बात की है कि और सभी की राय यही है कि यदि हमें स्माग की इस लेयर को तोड़ने के दो ही तरीके हैं। पहला यह कि बहुत तेज हवा चले और स्माग की चादर टूट जाए। या फिर कृत्रिम वर्षा द्वारा इस चादर को तोड़ा जाए। कई देशों ने ऐसा किया भी है। केन्द्र सरकार के पर्यावरण मंत्री जिनकों मैं पिछले लगभग तीन महीने से पत्र लिख कर कृत्रिम वर्षा के लिए आवश्यक तैयारी और विभागों के परमिशन के लिए, एक मीटिंग बुलाने के लिए कह रहा हूँ लेकिन उनके पास इसके लिए समय नहीं है। कृत्रिम वर्षा होगी कि नहीं होगी, यह तो मीटिंग के बाद तय होगा। उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री जी से अनुरोध करना चाहता हूँ कि वे अपने पर्यावरण मंत्री को आदेश दे कि कृत्रिम वर्षा के लिए एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाएं और उत्तर भारत के लोगों के सांसों पर जो खतरा मंडरा रहा है उसे दूर करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।