पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पराली प्रबंधन को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अंतर-मंत्रालयी बैठक में हिस्सा लिया
-केंद्र और राज्य कृषि मंत्रियों की संयुक्त बैठक में पराली जलाने के मामलों को कम करने का अनुरोध
– केंद्रीय कृषि मंत्री की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री और पंजाब ,हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के कृषि मंत्री समेत संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे- गोपाल राय
-बैठक में फसल अवशेष से पराली प्रबंधन को लेकर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई- गोपाल राय
-दिल्ली सरकार इस साल पांच हजार एकड़ से अधिक खेतों में निःशुल्क बायो डी-कंपोजर का छिड़काव करा रही है- गोपाल राय
-दिल्ली की तरह ही एनसीआर राज्यों में भी पटाखों पर पूरी तरह से पाबंदी हो- गोपाल राय
नई दिल्ली, 26 अक्टूबर 2024
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए केन्द्र और राज्य की कृषि मंत्रियों की संयुक्त बैठक में पराली जलाने के मामलों को कम करने का अनुरोध किया। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई बैठक में, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश तथा दिल्ली के कृषि मंत्री समेत संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में पराली प्रबंधन हेतु विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया की इस वर्ष दिल्ली सरकार 5 हजार एकड़ से ज्यादा खेतों में निःशुल्क बायो डी-कंपोजर का छिड़काव करा रही है। साथ ही पराली जलाने की घटनाओं के खिलाफ कड़ी निगरानी रखने और निरीक्षण के लिए 11 टीमें तैनात की गई हैं। किसानों को धान की फसल के अवशेष न जलाने के लिए ,जागरूकता अभियान के तहत गांवों में 25 किसान जागरूकता प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।
गोपाल राय ने इस साल की बैठक में देरी पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि पिछले साल अगस्त में इसी तरह की बैठक हुई थी, जिससे हमें रणनीति बनाने के लिए अधिक समय मिला था। इस साल की बैठक अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में हुई। अगर यह तीन महीने पहले आयोजित की गई होती तो हम प्रदूषण की समस्या से अधिक प्रभावी ढंग से निपट सकते थे।
गोपाल राय ने बताया की दिल्ली में ठंड के मौसम में बढ़ने वाले प्रदूषण की समस्या के समाधान के लिए सरकार हर साल विभिन्न बिंदुओं पर आधारित विंटर एक्शन प्लान बनाती है। ऐसे में ठंड के मौसम के दौरान पराली जलाना भी प्रदूषण को बढ़ाने में एक एहम भूमिका निभाता है। इस समस्या पर समय रहते उचित कदम उठाए जा सकें इसलिए हमारी सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष धान के खेतो में पूसा बायो डी-कंपोजर का निः शुल्क छिड़काव किया जाता है | जिसका बहुत ही सकारात्मक परिणाम रहा है। इससे पराली गल गई और खेत की उपजाऊ क्षमता में भी बढ़ोतरी देखी गई। लेकिन यह देखा गया है की हमारे पड़ोसी राज्यों से भी पराली जलाने के काफी मामले सामने आते है , जिसके कारण ठण्ड के मौसम में दिल्ली के अंदर प्रदुषण की समस्या काफी हद तक बढ़ जाती है।
गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली के अंदर पटाखों के उत्पादन, भण्डारण और किसी भी प्रकार की बिक्री या खरीद पर पूरी तरह प्रतिबन्ध है। यह प्रतिबन्ध पटाखों के ऑनलाइन डिलीवरी पर भी लागू है। दिल्ली की तरह ही एनसीआर राज्यों में भी पटाखों पर पूरी तरह से पाबंदी हो ताकि इससे होनेवाले प्रदूषण को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि हालांकि पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है, लेकिन दिवाली के बाद का समय महत्वपूर्ण होगा। गोपाल राय ने केंद्र और राज्य से आग्रह किया कि वे आने वाले दिनों में अधिक से अधिक प्रयास करें, ताकि सर्दियां आने से पहले प्रदूषण के स्तर पर अंकुश लगाया जा सके, क्योंकि सर्दियों में हवा की गुणवत्ता, स्थिर हवा और ठंडे तापमान के कारण खराब हो जाती है।