पार्थ चटर्जी की सिफ़ारिश पर शुरुआत में 310 लोगों को मिली नौकरी-सीबीआई का सनसनीखेज दावा
बेबी चक्रवर्ती :- जांच एजेंसी सीबीआई के अधिकारियों ने दावा किया है कि पार्थ चट्टोपाध्याय ने विकास भवन में मिले दस्तावेजों को देखने के बाद उम्मीदवारों के नामों की सूची एक नौकरशाह को भेजी थी। सूची में शामिल कुछ लोगों को नौकरी मिल गई। दूसरे शब्दों में कहें तो यह सनसनीखेज जानकारी सामने आई है कि शुरू में पार्थ चटर्जी की अनुशंसा पर अयोग्य लोगों को नौकरी पर रखा गया था.
ईडी ने 2022 में शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार के आरोप में तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया था. इसके बाद सीबीआई ने उन्हें एसएससी भर्ती भ्रष्टाचार मामले में भी गिरफ्तार किया था. इसे लेकर राज्य की राजनीति में भूचाल आ गया था. काफी खोजबीन के बाद विकास भवन से कई दस्तावेज बरामद किये गये. बरामद दस्तावेजों में 753 अभ्यर्थियों की सूची मिली. इस सूची को देखकर सीबीआई ने दावा किया कि टीईटी 2014 में 310 लोगों को नौकरी मिली थी. बताया जाता है कि पार्थ चटर्जी ने अयोग्य उम्मीदवारों के नामों की यह सूची एक नौकरशाह को भेजी थी।
इस महीने की शुरुआत में पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस नेता पार्थ चटर्जी को विशेष सीबीआई अदालत में पेश किया गया था. उस समय भर्ती भ्रष्टाचार मामले में पार्थ चटर्जी और अन्य आरोपी अयान शील को हिरासत में लेने के लिए सीबीआई की ओर से आवेदन दिया गया था. कोर्ट की इजाजत मिलते ही पार्थ चटर्जी को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया. पूर्व शिक्षा मंत्री फिलहाल प्रेसीडेंसी जेल में हैं.
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक जांच में कई प्रभावशाली लोगों के नाम भी सामने आए हैं. जरूरत पड़ने पर केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) भी उनसे पूछताछ करेगी.