आयकर रिटर्न
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अप्रैल महीने के साथ नए वित्त वर्ष 2023-24 की शुरुआत हो गई है। इसके साथ ही आयकर से संबंधित कई नए प्रावधान भी प्रभाव में आ गए हैं। इस वर्ष भी अपना आयकर रिटर्न आप नई या पुरानी टैक्स रिजीम के तहत दाखिल कर सकते हैं। नई टैक्स रिजीम को आकर्षक बनाने के लिए सरकार ने इसके टैक्स स्लैब में बदलाव किया है। इस वित्त वर्ष से नई रिजीम के के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन की भी शुरुआत की गई है, ऐसे में सात लाख रुपये तक की आमदनी तक किसी भी तरह के टैक्स की देनदारी से बचा जा सकेगा। व्यक्तिगत करदाताओं के पास पुरानी या नई कर व्यवस्था में से किसी एक को चुनने का विकल्प होता है। जहां पुरानी रिजीम में छूट और कटौती के प्रावधान हैं वहीं नई कर व्यवस्था कर की कम दरों की पेशकश करता है पर इसके तहत कोई छूट नहीं दी जाती। यदि आप नौकरीपेशा हैं तो आपको इस महीने पुरानी या नई रिजीम में किसी एक को चुनकर अपने नियोक्ता बता देना ताकि चालू वित्त वर्ष के लिए आयकर की गणना उसी आधार पर की जा सके।